VAT

Here we learn about What is difference between GST and VAT ?




Explanation: 


GST और VAT दोनों ही सरकार द्वारा टैक्स वस्तुओ पर लगाने की एक प्रणाली है जिसके तहत कंपनियों के मालिक को लगाए गए लागत का परिणाम मिलता है ।भारत मे VAT (  value added tax ) जो कि हमारे भारत मे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी के pm बनने तक रही उसके बाद सरकार ने  GST (goods & service tax ) को लॉन्च कर दिए जिसके बाद से टैक्स का नियम ही बदल गया  ।

अगर आप देखेंगे दोनो tax system को बारीकी से तो आप को पता चलेगा कि VAT जो कि केवल GOODS पर लगती थी परंतु GST के आने के बाद से दोनों पर लगने लगी goods एंड services पर  तो चलिए अब देखते दोनो टैक्स के नियम को अलग अलग काम शब्दो मे ।

VALUE ADDED TAX (VAT)


अगर VAT की बात की जाय तो इस TAX के नियम अनुसार वस्तुओं पर टैक्स लगाया जाता था जिसके अनुरूप services charge जो थी वो high हो जाती थी वास्तव में देखा जाए तो जब कोई हमे बना बनाया समान देगा तो बदले में कुछ लेगा ही और समान अगर हमारे निवाश स्थान के समीप पहुँचा रहा हो तो हमारे nearest store तक लाने में कुछ पैसे उन्हें देने पड़ते है transport इत्यादियों के लिए । अब अगर देखा जाए तो पता चलेगा कि transportation चार्ज कितना होगा ये ये लेन वाला और भेजवाने वाला ही जनता है ऐसे में सर्विसेज टैक्स हमे एक्स्ट्रा pay करना पड़ता था परंतु इस टैक्स प्रणाली के समाप्त होने के पश्चात हमे हर वस्तु पर केवल एक बार ही देना पड़ता है टैक्स ।

GOODS AND SERVICES TAX (GST)

GST  भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत मे LAUNCH किया गया जिसके बाद से टैक्स के नियम ही बदल गए जहाँ पहले हमे हर वस्तु पर अलग अलग टैक्स देने पड़ते थे अब GST के आने से सारे टैक्स सरकार पहले से ही फिक्स कर हमें MRP पर उपलभ्ध  कराती है इसके अंतर्गत जितने भी TAXES है सभी IMPLIMENT करने के बाद हमारे सामने रख जाता है जिसमे अगर देखे तो GOODS पर लगने वाले टैक्स के साथ SERVICE पर भी लगने वाला चार्ज INCLUDE रहता है जिसके परिणाम स्वरूप हमसे अलग अलग नाम से टैक्स नही लिया जाता ।
        
GST को अलग अलग भागो में बंट दिया गया है जिसमे अलग अलग प्रतिसत चार्ज किये जाते है अलग अलग वस्तुओ पर कुछ पर काम तो कुछ पर ज्यादा ।





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